सृजन के प्रयास से तीन छात्र राष्ट्रिय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित जहाँ सोच है, वहां संकल्प है और जहाँ संकल्प है वहाँ सृजन है।सोच से सृजन तक की इस यात्रा को मूर्तरूप देने में `सृजन का संकल्प’ संस्था जो पिछले एक दशक से अधिक समय से उत्तर प्रदेश के गरीबी बाहुल्यबुंदेलखंड क्षेत्र में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने तथा गरीब बच्चों को अपने कतिपय योजनाओं के माध्यम से शिक्षित करने तथा आर्थिक सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा मेंउल्लेखनीय कार्य कर रही है, कृत संकल्पित है साक्षरता एवं शिक्षा को जन अभियान बनाने में, जिससे कि भारत में कोई भी शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित ना रह सके।भारत की बहुसंख्यक आबादी गावों, छोटे कस्बों में निवास करती है, पर अशिक्षा, गरीबी एवं पिछड़ेपन के बोझ तले दबी देश की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी समुचित अवसर नहीं मिलने के कारण, योग्यता, प्रचुर बौद्धिक क्षमता रहते हुए भी, शहर में रहने वाले लोगों की अपेक्षा पिछड़ जाती है।सृजन का संकल्प संस्था शहरों एवं गावों के बीच इस अशिक्षा, गरीबी, बेरोजगारी एवं पिछड़ेपन की बढ़ती खाई को पाटने के लिए पिछले एक दशक से भी अधिक समय से सतत कार्य कर रही है।
सृजन के संस्थापक एवं सी इ ओ, प्रभात सक्सेना जो बुंदेलखंड की इसी माटी में पोषित एवंपल्लवित हुए, जिन्होंने स्वयं अपने शैशव काल में समुचित अवसर एवं मार्गदर्शन के अभाव में अनेकों कठिनाइयों का सामना किया और इस पीड़ा को बहुत नजदीक से अनुभव किया, अपने अनवरत संघर्षों एवं लगनशीलता की बदौलत आज एक सफल तकनिकी पेशेवर के रूप में विदेश में रहकर अपनी सेवाएंदे रहे हैं। पर अपने मातृभूमि के प्रति लगाव, अपने देश, अपने क्षेत्र के लोगों, खासकर उन गरीब बच्चों, जो अपने अभिभावकों की आर्थिक विपन्नता के कारण पढ़ नहीं पाते तथा अवसर नहीं मिलने के कारण समाज की मुख्यधारा से अलग थलग पर जाते, को अपनी संस्था सृजन का संकल्प के माध्यम से शिक्षित करने, उन्हें योग्य बनाने के लिए प्रेरित किया ताकि ये बच्चे आगेचल कर ना सिर्फ आर्थिक एवं सामाजिक रूप से स्वाबलंबी बनें बल्कि देश के विकास में भी अपना बहुमूल्य योगदान दे सकें।संस्था के इसी भागीरथी प्रयासों की बदौलत आज सैकड़ों अत्यंत गरीबी में जी रहे बच्चे, जिनके लिए स्कूल जाना,पढाई करना एक स्वप्न सा था, आज उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। सृजन संस्था ऐसे सैकड़ों छात्र छात्राएं जिनमें प्रचुर प्रतिभाएं विद्द्यमान हैं उन्हें उनके गावों में ही कोचिंग की सुविधाएं मुहैया करा कर राष्ट्रिय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं केलिए तैयार कर रहा है और आज उसी का परिणाम है कि क्षेत्र के तीन छात्र सृजन संस्था के माध्यम से दिए जा रहे कोचिंग से अध्ययन कर आई आई टी एडवांस एवं जेईेई एडवांस जैसे राष्ट्रिय स्तर के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए चयनित होकर अपने क्षेत्र का गौरव बढ़ा रहे हैं।