भारतीय संविधान के अनुसार, शिक्षा प्राप्त करना हर भारतीय का एक मौलिक अधिकार है पर दुर्भाग्यवश स्वतंत्रता के 70 वर्ष बाद भी आज देश की लगभग 25 % आबादी गरीबी एवं विषम आर्थिक परिस्थति के कारण अनपढ़ है, बावजूद इसके कि देश एवं राज्य की सरकारें देश के गरीबों को शिक्षित करने के लिए अनेकों योजनाएं चला रही हैं। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी भी लगभग 1.21 करोड़ से अधिक बच्चे शिक्षा प्राप्त करने हेतु स्कूल जाने से असमर्थ हैं। वजह है उनके परिवार की विषम आर्थिक परिस्थितियाँ।
देश में शिक्षा के क्षेत्र में इस विरोधाभास को दूर करने तथा `सभी को शिक्षा’ मिले इस संकल्प के साथ सृजन का संकल्प देश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रसार हेतु अनेकों स्तर पर कार्य कर रही है तथा उन सभी बच्चों, जो गरीबी के कारण शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ हैं, उन्हें सामूहिक सहयोग से शिक्षित कर देश का एक अच्छे नागरिक बनाने के साथ साथ उन्हें एवं उनके परिवार को आर्थिक रूप से स्वाबलम्बित करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
वर्तमान शिक्षा की खामियों को दूर करने के उद्देश्य से सृजन का संकल्प के स्वयंसेवक ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर एवं उसकी कमियों की तथ्यात्मक जानकारी लेने के उद्देश्य से विस्तृत सर्वे कर समस्याओं की जड़ तक पहुँचते हैं और उन कारणों के बारे में पता करते हैं, जो ग्रामीण छात्रों को शिक्षा पाने में बाधक बनती है। तत्पश्चात हमारे प्रतिनिधिगण उन समस्याओं को दूर कर ना सिर्फ छात्रों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करते हैं बल्कि यह भी देखते हैं कि छात्र आपकी स्कूली शिक्षा प्राप्त कर उच्च शिक्षा ग्रहण कर ना सिर्फ देश का एक अच्छा नागरिक बने बल्कि वो सामजिक एवं आर्थिक रूप से स्वाबलंबन को प्राप्त करे।
सर्वे करने के पश्चात हमारे प्रतिनिधि शिक्षा के आंकड़ों का गहन विश्लेषण कर, सम्बंधित गाँव में अगले एक साल का नियोजन कर, अलग अलग स्वयंसेवकों के टीमों के माध्यम से बच्चों के शिक्षा हेतु आवश्यक फण्ड एवं संसाधन जुटाते हैं। छात्रों का चयन परीक्षा के माध्यम से किया जाता है तथा परीक्षा उपरान्त उनके द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर उन्हें स्कूलों में दाखिला दिलवाया जाता है। चयन उन्हीं छात्रों का किया जाता है जो प्रतिभावान हैं पर अपने परिवार, अभिभावकों की गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाते। इसके आलावा हमारे शिक्षा स्वयंसेवक उन छात्रों को भी सतत परामर्श एवं सलाह देते हैं जो परीक्षा में चयनित नहीं हो पाते, पर जिन्हें आगे पढ़ने की लालसा है।
यनित छात्रों का स्कूलों में नामंकन करवाने के पश्चात हमारे शिक्षा प्रतिनिधि सतत इन छात्रों पर निगरानी रखते हुए इनकी योग्यताओं को परखते हैं तथा , चयनित छात्रों पर अपना सम्पूर्ण ध्यान लगाते हुए, सतत परामर्श, शिक्षकों के मार्गदर्शन, अध्यापन तथा कोचिंग के द्वारा उन्हें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु तैयार करते हैं। ग्रामीण छात्रों को उच्च स्तरीय शिक्षा देने के उद्देश्य से हमारी संस्था का देश एवं विदेश की विभिन्न संस्थाओं से करार हुआ है। ये संस्थाएं हमारी संस्था को ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के प्रचार प्रसार को बढ़ाबा देने के लिए हमें हर तरह से सहयोग करती हैं।