•Suबह से ही माहोल बहुत अच्छा था . हम से पहले छात्र सत्कार वाटिका पहुच चुके थे. इस कार्यक्रम की सफलता के लिए मै, रवि, सुशील और राजेंद्र सुबह सुबह चोप्रा मंदिर भी गए थे . उसके बाद जब हम सत्कार वाटिका पहुचे तो कुछ विशेष कारणों बस हम १५ मिनट लेट हो गए थे...
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